गोरखपुर ट्रेजेडी: जेल से बाहर आकर पत्नी को गले लगाकर रोए डॉ सतीश

संक्षेप:

  • बीआरडी में बच्चों की मौत का मामला
  • आठ महीने से जेल में बंद रहे डॉ सतीश
  • जमानत पर आये जेल से बाहर

गोरखपुर:  गोरखपुर के बीआरडी में हुए बच्चों की मौत के मामले में आठ महीने से जेल में बंद रहे एनेस्थिसिया के विभागाध्यक्ष डॉ. सतीश कुमार को हाईकोर्ट ने जमानत दे दी। जमानत पर जेल से बाहर निकलते ही डॉ. सतीश पत्नी व बेटी के गले से लिपट कर बिलखने लगे। आपको बता दें कि बीआरडी के एनेस्थीसिया के विभागाध्यक्ष डॉ. सतीश कुमार पिछले वर्ष 2017 में 10 और 11 अगस्त को हुए ऑक्सीजन कांड के बाद चर्चा में आये थे। वह कालेज में अनुरक्षण अधिकारी का भी दायित्व संभाल रहे थे।

मामले की जांच के मुताबिक, कॉलेज में ऑक्सीजन की सप्लाई की सुनिश्चितता की जिम्मेदारी डॉ.सतीश कुमार पर ही थी। घटना से एक दिन पहले ही वह अवकाश पर चले गए। महानिदेशक ने उनके खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया। उन्होंने 11 सितम्बर 2017 को एंटी करप्शन की अदालत में आत्मसमर्पण किया। इसके बाद से ही वह जेल में बंद रहे। इस दौरान उनकी सेहत भी बिगड़ गई। निचली अदालत से जमानत खारिज होने के बाद डॉ. सतीश ने पांच महीने पहले हाईकोर्ट में जमानत के लिए प्रार्थना पत्र दिया।

मंगलवार को हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद जमानत मंजूर कर ली। डॉ. सतीश के जमानत के कागजात शुक्रवार को जेल प्रशासन को रिसीव कराए गए। शाम चार बजे से जेल के बाहर उनके शुभचिंतक व परिवारीजन जुटने लगे। शाम करीब साढ़े छह बजे वह बाहर जेल से बाहर निकले। पत्नी अनीता ने उन्हें गुलदस्ता सौंपा। पत्नी को गले लगाकर वह बिलखने लगे। बेटी पल्लवी भी रोने लगी। परिवार के दूसरे सदस्य व शुभचिंतक भावुक हो गए। रूंधे गले से उन्होंने सभी का धन्यवाद दिया।

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