सीएम योगी के शहर में थानों पर नहीं है महिलाओं के लिए शौचालय

संक्षेप:

  • गोरखपुर शहर में किसी थाने पर शौचालय नहीं
  • जल्द ही सारी व्यवस्थाएं कर दी जाएंगे- एडीजी
  • महिलाओं के लिए नहीं है थानों में शौचालय

गोरखपुर- केंद्र सरकार और राज्य सरकार मिलकर जहां स्वच्छता अभियान और इज्जत घर के लिए अपने खजाने खोल दिए हैं। वहीं मुख्यमंत्री के शहर में किसी भी थाने पर इज्जत घर नहीं है फरियाद लेकर फरियादी तो आते हैं लेकिन किसी भी इमरजेंसी में उन्हें खुले में ही जाना पड़ता है। ऐसी स्थिती में हमने कई थानों का दौरा किया और पाया कि यहां इज्जत घर नहीं है। इसके बाबत हमने एडीजी दारा शेरपा से जब बात की तो उन्होंने बताया कि हमारे थानों पर जल्द ही सारी व्यवस्थाएं कर दी जाएंगे। जिसकी तैयारी गांव का खाना हो या शहर का थाना सभी जगहों पर जल्दी इज्जत घर की व्यवस्था की जाएगी।

स्वच्छ भारत मिशन योजना के तहत केंद्र व प्रदेश सरकार घर-घर शौचालय बनवाने का अभियान चला रही हैं। जोर-शोर से प्रचार चल रहा है लेकिन जोन के किसी भी थाने में महिलाओं के लिए ‘इज्जत घर’का इंतजाम नहीं है। जबकि करीब-करीब हर थाने में महिला पुलिस कर्मियों की तैनाती है और महिला फरियादियों का भी आना-जाना रहता है।

प्रदेश में आठ पुलिस जोन और 18 रेंज है। गोरखपुर जोन में तीन रेंज गोरखपुर, बस्ती और देवीपाटन शामिल है। जोन के तीनों रेंज में 11 जिले हैं। जोन के सभी जिलों के महिला थानों को जोड़ लिया जाए तो कुल 206 थाने हैं। महिला थानों को छोड़ दिया जाए तो शायद ही किसी थाने में महिलाओं के लिए प्रसाधन का कोई ठोस इंतजाम हो। हो सकता है कि एकाध थाने में किसी थानेदार ने व्यक्तिगत रुचि लेकर महिलाओं के लिए शौचालय की व्यवस्था करवा दी हो लेकिन इसकी स्थापना कराने वाले थानेदार के तबादले के बाद महिलाओं के लिए बने शौचालय साफ-सफाई के लिहाज से उपेक्षा के शिकार होकर रह गए है।

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