जानें, बर्खास्त सिपाही दिग्विजय राय के निशाने पर थें कौन-कौन लोग?

संक्षेप:

जांच में पता चला है कि सिपाही को निलंबित करने की रिपोर्ट देने वाले बस्ती के कप्तानगंज थाने के एसएचओ राजकुमार पांडेय उसकी हिटलिस्ट में पहले नंबर पर हैं। कप्तानगंज थाने के ड्राइवर राजकुमार सिंह भी टारगेट पर हैं।

गोरखपुर: गोरखपुर में तीन हत्या कर सनसनी फैलाने की धमकी देने वाले आरोपी बर्खास्त सिपाही दिग्विजय राय के निशाने पर बस्ती से लेकर बिहार तक के सात पुलिस वाले हैं।

जांच में पता चला है कि सिपाही को निलंबित करने की रिपोर्ट देने वाले बस्ती के कप्तानगंज थाने के एसएचओ राजकुमार पांडेय उसकी हिटलिस्ट में पहले नंबर पर हैं। कप्तानगंज थाने के ड्राइवर राजकुमार सिंह भी टारगेट पर हैं। मोहद्दीपुर के एक दुकानदार रिंकू से उसने 50 हजार की रंगदारी मांगी थी और वह उसका तीसरा निशाना था। इसके अलावा आजमगढ़ के दो पुलिसकर्मी और बिहार के दो पुलिस वाले भी उसके निशाने पर हैं।

एसएचओ राजकुमार पांडेय का परिवार तारामंडल क्षेत्र में रहता है। ड्राइवर राजकुमार का परिवार भी पुलिस लाइंस गोरखपुर में रहता है। दुकानदार मोहद्दीपुर के रहने वाले हैं। लिहाजा गोरखपुर में इन्हीं तीन परिवारों को निशाना बनाया जाना था। इससे संबंधित धमकाने वाला वीडियो बर्खास्त सिपाही ने सोशल मीडिया पर वायरल किया था।

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पुलिस ने आरोपी से पूछताछ के बाद दर्ज केस में हत्या के लिए उकसाने की धारा (आईपीसी की धारा 115) बढ़ा दी है। सीओ कैंट सुमित शुक्ला ने बताया कि आरोपी सिपाही को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया।
तीन दिन से शहर में रुककर इंस्पेक्टर की कर रहा था रेकी

कप्तानगंज बस्ती एसएचओ राजकुमार पांडेय ने बताया कि दिग्विजय राय मेरे साथ कुछ दिन ही रहा था। पूछताछ में उसने पुलिस को क्या बताया है, इसकी जानकारी मुझे नहीं है। थाने में तैनाती के दौरान उसने जो किया, उसकी जानकारी उच्च अधिकारियों को दी गई थी। इसी आधार पर कार्रवाई भी हुई थी।

जानकारी के मुताबिक, कुशीनगर जिले के तरयासुजान के बसडीला गुनागर गांव निवासी व बस्ती से बर्खास्त सिपाही दिग्विजय राय आठ फरवरी को गोरखपुर पहुंचा था। पूछताछ में पुलिस को पता चला कि वह शहर के एक होटल में तीन दिन तक रुका रहा।

इस दौरान उसने बस्ती में तैनात इंस्पेक्टर राजकुमार पांडेय की रेकी की। उनका परिवार तारामंडल इलाके में रहता है। रविवार को वह खुद भी गोरखपुर में मौजूद थे। इसके अलावा बस्ती के कप्तानगंज थाने के ड्राइवर राजकुमार सिंह का परिवार भी गोरखपुर में रहता है। ड्राइवर को वह इंस्पेक्टर का खास मानता है इस वजह से उसे टारगेट पर लिया था।

बस्ती के कप्तानगंज थाने में तैनाती के दौरान अमर्यादित व्यवहार करने पर राजकुमार पांडेय ने ही अधिकारियों को रिपोर्ट भेजी थी, जिसके आधार पर वह पहले निलंबित और बाद में बर्खास्त हुआ था। जिसके बाद दिग्विजय ने कप्तान, थानेदार समेत सात पुलिसकर्मियों को जान से मारने की धमकी दी थी। सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने पर एसपी ने बर्खास्त कर दिया था। पूछताछ में आरोपित सिपाही ने उसकी मदद करने वाले लोगों के नाम पुलिस को बताए हैं। हालांकि पुलिस इस पर खुलकर कुछ नहीं बोल रही है। सूत्रों की मानें तो पुलिस सर्विलांस की मदद से उसके मददगारों की तलाश में जुट गई है।

कैंट पुलिस ने आरोपी सिपाही पर रंगदारी, हत्या के दुष्प्रेरण, धमकी, आईटी एक्ट की धारा में केस दर्ज कर जेल तो भिजवा दिया है, लेकिन पुलिस उसे सिरफिरा मानकर ही जांच को आगे बढ़ा रही है। पुलिस का कहना है कि उसकी हरकत देखकर लग रहा है कि उसकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं है।

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