सपा में एक ही नियम, पार्टी में रहना है तो आजम-अल्लाह कहना है: अमर सिंह

संक्षेप:

  • अमर सिंह पहुंचे कानपुर
  • आजम खान पर साधा निशाना
  • मोदी सरकार का किया बचाव

By: चंद्रकांत तिवारी

कानपुर: राज्यसभा सांसद पूर्व सपा नेता अमर सिंह का कहना है कि आजम खान के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज करना उनका  ‘‘पॉलिटिकल मी टू’’ नहीं है। दिल्ली से ‘‘आजम एफआईआर यात्रा’’ पर निकले अमर सिंह बुधवार देर शाम कानपुर पहुंचे थे और कानपुर प्रेस क्लब में मीडिया से रूबरू हो रहे थे।

पूर्व सपा नेता अमर सिंह अब सॉफ्ट हिन्दू राजनीति करने की दिशा में अपने कदम और तेज करते जा रहे हैं। एक टीवी चैनल पर आजम खान के इंटरव्यू के आधार पर उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के लिये अमर सिंह दिल्ली से लखनऊ तक की सड़क यात्रा पर निकले हैं और हर शहर में पड़ाव लेते हुए लोगों के साथ अपना दुख साझा कर रहे हैं।

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कानपुर में उन्होने दो बातों पर दुख जताया। पहला कि उन्हें बीस साल सपा में घुटन भरे दिन बिताये जहां का एक ही नियम था कि "सपा में रहना है तो आजम-अल्लाह कहना है।" लेकिन इसके बाद वे परोक्ष रूप से भाजपा की व्यवस्था पर भी खिन्नता जताते नजर आये। उनका कहना था कि सीएम योगी के सीधे निर्देश के बावजूद पुलिस ने एक पूर्व मंत्री के दबाव पर उनकी एफआईआर दर्ज नहीं की।

उन्होंने कहा कि यूपी पुलिस की नज़र में अभी भी राज्य में अखिलेश की सरकार काबिज है। पुलिस अफसर सपा कैबिनेट में मंत्री रहे नेताओं को आज भी मंत्री मानती है। यूपी की कानून व्यवस्था पर अमर सिंह हाल की कई घटनाओं का जिक्र करते हैं लेकिन राजनीतिक रणनीति के साथ। वे कहते हैं कि सीएम योगी अच्छे लेकिन उनके डीजीपी ओ पी सिंह बुरे हैं।

अमर सिंह ने आजम खान को कुकुरमुत्ता बताते हुए कहा कि अखिलेश मुझे अंकल कहते हैं, उस नाते मेरी बेटियां उनकी बहन हुई, रक्षाबंधन के दिन उन्होंने तेज़ाब का उपहार भेज दिया। मुलायम सिंह यादव सार्वजनिक रूप से भाई कहते हैं तो मेरी बेटियां उनकी भतीजी हुई तो भतीजियों के लिए उनका पाला हुआ कुकुरमुत्ता आजम वो भी तेज़ाब भेज रहा है। अखिलेश और मुलायम की चुप्पी ये मौन स्वीकृति के लक्षण मुझे आश्चर्य कर रहे हैं। हम से अगर डिम्पल के लिए कोई कहे अखिलेश की बेटी के लिए अगर कहेगा, आजम की लड़की पत्नी और बहु के लिए कहेगा तो हम तो खड़े हो जाएंगे क्योकि बहु-बेटियां साझे की होती है और साझा सबकी जिम्मेदारी है।

2019 के लोकसभा चुनावों से जुड़े सवालों पर अमर सिंह का मानना है कि इस चुनाव में तेल और दलित एक्ट बड़ा मुद्दा रहेगा। लेकिन वे भाजपा का कवच बनते हुए ये भी कहते हैं कि केन्द्र में मोदी और राज्य में योगी के रहते दलित एक्ट का दुरुपयोग असंभव है। यदि ‘‘बुआ और बबुआ’’ होते तो इसका डण्डा वर्ग विद्वेष फैलाने के लिये चल सकता था।

उनके अनुसार मौजूदा समय हिन्दुओं के चारों वर्ण भाजपा के साथ रहने का है। एक सवाल पर उन्होंने फिर दोहराया कि वे शिवपाल यादव के लिये  भाजपा में कोई पूलिंग नहीं कर रहे हैं। शिवपाल को बड़ा बंगला मिलना सिर्फ उनकी वरिष्ठता का सम्मान है। उन्होंने कहा कि शशि थरूर की अच्छे हिन्दू- बुरे हिन्दू की परिभाषा उन्हें जेल की सलाखों के पीछे पता चलेगी। अमर सिंह के अनुसार केन्द्रीस मंत्री पद से एम जे अकबर का इस्तीफा एक स्वच्छ राजनीतिक परम्परा का हिस्सा है। पहले भी दोषमुक्त होने तक पद पर छोड़ देने की परम्परा रही है।

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