पीएम मोदी के मन की बात पूरी करने कानपुर आएंगे राष्ट्रपति, चल रही तैयारी

संक्षेप:

  • राष्ट्रपति का कनपुर दौरा
  • बड़ा सपना, बड़ी तैयारी
  • महामहिम का गांव नहीं हो पाया ओडीएफ

कानपुरः प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मन की बात में ‘स्वच्छता ही सेवा है’ पूरे देश में अभियान शुरू करने का आह्वान किया है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद 15 सितंबर को कानपुर की धरती से इस अभियान का आगाज करेंगे। राष्ट्रपति बनने के बाद अपनी कर्मभूमि में यह उनका पहला कार्यक्रम भी होगा, हालांकि उनके गांव के लोग थोड़ा निराश हैं। क्योंकि राष्ट्रपति गांव नहीं जाएंगे।

बड़ा सपना, बड़ी तैयारी

देश के सभी गांवों को खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) करने का सपना बड़ा है। अभियान कानपुर से शुरू हो रहा है तो इसके लिए बड़े स्तर पर तैयारी भी जा रही है। राष्ट्रपति खुद जिले के ओडीएफ गांव ईश्वरीगंज से अभियान की शुरुआत करेंगे। वह श्रमदानकर लोगों को इसके लिए प्रेरित करेंगे। साथ ही जिले के सारे गावों में एक साथ श्रमदान करके अभियान की शुरुआत की तैयारी है।

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कहीं विधायक या मंत्री होंगे तो कहीं अफसर। इसके लिए ब्लॉकस्तर पर नोडल अधिकारी तैनात किए जा रहे हैं ताकि महामहिम के अभियान शुरू करते ही सारे गांव इसके लिए जागरूक हो जाएं। सभी गावों में इस दिन विशेष साफ-सफाई व स्वच्छता के लिए यात्राएं निकाली जाएंगी। लगातार दो दिन तक यह आयोजन होते रहेंगे। अभियान के दौरान ही सरकारी मदद से बननेवाले शौचालयों की संख्या बढ़ाकर पांच गुना कर दी जाएगी। अभियान दो अक्तूबर तक चलेगा। अफसरों की कोशिश है कि दो अक्तूबर तक सारे गांव ओडीएफ हो जाएं।

जिस जिले से राष्ट्रपति अभियान की शुरुआत करने जा रहे हैं, वहां के एक चौथाई गांव भी अब तक अओडीएफ नहीं हो पाए हैं। सरकारी आकड़ों के अनुसार कानपुर के 940 गावों में से केवल 122 गांव ही अब तक ओडीएफ हो पाए हैं। हालांकि इन गावों की निगरानी समितियां भी निष्क्रिय हो चुकी हैं और घर में शौचालय बनने के बाद भी ज्यादातर पुरुष सदस्य बाहर ही शौच को जाते हैं। अफसरों का दावा है कि सरकारी मदद से 60 हजार शौचालय बनवाए जा चुके हैं और अभी 90 हजार बनवाए जाने हैं।

अब 31 दिसंबर तक का लक्ष्य

पीएम मोदी बार-बार स्वच्छता का आह्वान कर रहे हैं। सदी के महान अभिनेता अमिताभ बच्चन ब्रांड एंबेडसर बनाए गए, पर तीन साल बीतने के बाद भी अफसर  पूरे शौचालय नहीं बनवा पाए और अब दावा किया जा रहा है कि दो अक्तूबर तक अधिकतर गांव ओडीएफ कर लिए जाएंगे। सरकार की ओर से गंगा के किनारे बसे शहरों को 31 दिसम्बर तक पूरे जिले को ओडीएफ करने का लक्ष्य दिया गया है, इस समय में बाकी बचे 90 हजार शौचालय बनवाने हैं। जिस ओडीएफ गांव ईश्वरीगंज से राष्ट्रपति अभियान शुरू करने जा रहे हैं उसकी भी हालत ठीक नहीं है। आधे शौचालयों के दरवाजे टूटे हैं और लोग खेतों में ही शौच को जा रहे हैं।

महामहिम का गांव नहीं हो पाया ओडीएफ

वैसे तो अफसरों ने उसी दिन से कानपुर देहात के गांव परौंख में दौड़ लगानी शुरू कर दी थी, जिस दिन रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति का चुनाव लड़ाने की घोषणा की गई थी। गांव के विकास की तमाम योजनाएं बन गईं, लेकिन अभी तक एक भी योजना पर काम शुरू नहीं हो पाया। चार नए नलकूप गांव में खड़े हो गए, लेकिन उनको बिजली का कनेक्शन नहीं मिल पाया। गांव में 700 शौचालय बनाए जाने थे, लेकिन अब तक केवल 50 के लिए ही आधा पैसा मिल पाया है।

राष्ट्रपति जब 15 सितंबर को स्वच्छता ही सेवा अभियान की शुरुआत कर रहे होंगे तो उनके गांव के लोग लज्जित होंगे। ग्रामीणों का कहना है कि अगर राष्ट्रपति एक बार गांव आ जाते तो शायद यहां की यह दशा अफसर न करते। पिछले दिनों ही गांव के लोग उनसे मिलने गए थे और गांव आने का न्योता दिया था। उनका मानना था कि राष्ट्रपति कानपुर आ रहे हैं, उसी समय गांव भी आ सकते हैं लेकिन राष्ट्रपति ने उनसे क्षमा मांग ली। राष्ट्रपति के जिले कानपुर देहात का हाल भी कुछ ऐसा ही है, यहां के 954 गावों में से केवल 14 अब तक ओडीएफ हो पाए हैं और अभी जिले में 1.19 लाख शौचालय बनाए जाने हैं। अफसरों का कहना है कि दो अक्टूबर 2018 तक लक्ष्य पूरा कर लेंगे।

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