यौन शोषण मामलाः आसाराम को जेल या बेल?, फैसला कल

संक्षेप:

  • बरी हुए तो भी नहीं हो पाएंगे रिहा
  • 2013 में हुई थी आसाराम की गिरफ्तारी
  • आश्रमों में समर्थकों का पाठ और कीर्तन शुरू

कानपुरः बुधवार को देश के सबसे चर्चित यौन उत्पीड़न मामलों में से एक आसाराम मामले में ट्रायल कोर्ट अपना फैसला सुनाने वाला है. फैसले के मद्देनजर जोधपुर जेल को किले में तब्दील कर दिया गया है और जोधपुर शहर में दो दिन पहले से ही धारा 144 लागू कर दी गई है. साथ ही जोधपुर शहर में आसाराम समर्थकों की एंट्री पर पाबंदी लगा दी है. जोधपुर कमिश्नरेट पुलिस सभी होटल्स की लगातार जांच कर रही है. साथ ही विभिन्न सुरक्षा एजेंसियां सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद करने में जुटी हुई है. मुख्य रेलवे स्टेशन पर खुफिया एजेंसियां सादा वर्दी में लगातार नजर बनाए हुए हैं. सभी थानों की पुलिस टीमों को होटल्स और धर्मशालाओं पर नजर बनाए रखने के लिए निर्देश दिए गए हैं. आसाराम के पाल आश्रम पर भी चौकसी बढ़ाई गई है. आश्रम में किसी भी भक्त को नहीं जाने दिया जा रहा है.

फैसला सुनाने के लिए अदालत जोधपुर सेंट्रल जेल में ही लगेगी. इसे लेकर एहतियाती कदम के तौर पर जोधपुर पुलिस एवं प्रशासन ने आसाराम समर्थकों को रोकने के प्रयास तेज कर दिए हैं. आसाराम के समर्थक शहर में नहीं जुट पाएं इसके लिए जोधपुर की सीमाएं सील कर दी गई हैं. शहर आने वाली बस, कारों की जांच से लेकर ट्रेन के यात्रियों तक पर नजर रखी जा रही है. शहर में 30 अप्रैल तक के लिए धारा-144 लागू कर दी गई है.

देशभर में आसाराम के 427 से अधिक आश्रम हैं। आसाराम के 70 लाख से अधिक साधक और समर्थक हैं। ऐसे में पुलिस को अंदेशा है कि फैसले के दिन जोधपुर में भी हजारों की संख्या में आसाराम समर्थक साधक जुट सकते हैं। जिस तरह से राम-रहीम पर आए फैसले के बाद जिस तरह उनके समर्थकों ने दिल्ली समेत कई जगहों पर उपद्रव किया था, कुछ वैसा ही इसबार भी करने की कोशिश हो सकती है। आशंका है कि यदि आसाराम दोषी ठहराए जाते हैं तो उनके समर्थक हंगामा कर सकते हैं।

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बरी हुए तो भी नहीं हो पाएंगे रिहा

हालांकि अगर आसाराम इस मामले में अदालत से बरी भी हो जाते हैं तो भी वह जेल से रिहा नहीं हो पाएंगे क्योंकि उनके खिलाफ गुजरात में भी एक बलात्कार का मामला चल रहा है। जोधपुर के पुलिस आयुक्त अशोक राठौर ने बताया कि फैसले के दिन बड़ी संख्या में समर्थकों के जोधपुर पहुंचने की आशंका को देखते हुए जिले में धारा-144 लागू कर दी गई है। राठौर ने कहा, ‘हमें खुशी है कि अदालत ने जेल परिसर के अंदर फैसला सुनाए जाने के हमारे आग्रह को स्वीकार किया। राजस्थान पुलिस आसाराम के समर्थकों के फैसले से पहले या फैसले के दिन राजस्थान के शहर जोधपुर पहुंचने की योजना की सूचना के बाद से पड़ोसी राज्यों से भी सहयोग मांग रही है।’ उन्होंने कहा कि अगर जरूरत हुई तो अर्धसैनिक बलों को भी तैनात किया जाएगा।

दिल्ली से राजस्थान तक अलर्ट

दिल्ली समेत राजस्थान तक में फैसले के बाद कोई अव्यवस्था नहीं फैले इसके लिए दोनों राज्यों की सरकारों ने पुख्ता इंतजाम कर लिए हैं। दिल्ली पुलिस पूरी तरह से अलर्ट है वहीं, जोधपुर में भी धारा 144 लगा दी गई है। कहीं भी भीड़ के जमा होते ही ऐक्शन लिया जाएगा। दिल्ली पुलिस के अधिकारी यूपी और हरियाणा पुलिस से भी संपर्क बनाए हुए हैं। पुलिस लोकल इंटेलिजेंस के जरिए आसाराम के आश्रमों और उनके समर्थकों की गतिविधियों पर नजर रखने का दावा कर रही है।

आश्रमों में समर्थकों का पाठ और कीर्तन शुरू हुआ

बताया जा रहा है कि दिल्ली-एनसीआर में आसाराम के आश्रमों में उनके समर्थक बड़ी संख्या में जमा हो रहे हैं, जिनमें महिलाएं, बुजुर्ग और बच्चे भी शामिल हैं। समर्थकों का कहना है कि अदालत से उनके बापू को इंसाफ मिलेगा। इसलिए वे प्रार्थना करने के लिए जमा हुए हैं। आश्रमों में कीर्तन और पूजा की जा रही है।

2013 में हुई थी आसाराम की गिरफ्तारी

बता दें कि उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर की एक नाबालिग लड़की द्वारा कथित तौर पर आसाराम बापू पर जोधपुर के बाहरी इलाके में स्थित अपने आश्रम में यौन उत्पीड़न का आरोप लगाए गए थे। जिस समय पीड़िता आश्रम में रह रही थी, वह 16 साल की थी। दिल्ली के कमला मार्केट थाने में यह मामला दर्ज कराया गया था, जिसे बाद में जोधपुर स्थानांतरित कर दिया गया। उन पर पॉक्सो और एससी/एसटी ऐक्ट के तहत कानून की धाराएं लगाई गई हैं। आसाराम को जोधपुर पुलिस ने 31 अगस्त 2013 को गिरफ्तार किया था और तब से वह जोधपुर सेंट्रल जेल में बंद हैं।

इधर, आसाराम के आश्रमों द्वारा समर्थकों के लिए अपील जारी की जा रही हैं कि वे जोधपुर नहीं पहुंचे। सूत्र बताते हैं कि जेल में आसाराम की बैरक के नजदीक स्थापित टाडा कोर्ट में फैसला सुनाया जाएगा। आसाराम पर आरोप है कि उन्होंने अपने मध्य प्रदेश स्थित छिंदवाड़ा आश्रम में पढ़ने वाली 12वीं की छात्रा को इलाज के बहाने जोधपुर के मणई आश्रम में बुलाकर उससे 14 अगस्त की रात रेप किया। साथ ही, शोर मचाने पर आश्रम में मौजूद उसके माता-पिता को मार डालने की धमकी दी।

पीड़िता के घर की सुरक्षा बढ़ी 

आसाराम के समर्थकों व पुलिस के बीच कई बार झड़पें हुईं हैं। आसाराम अगर दोषी पाए जाते हैं तो उन्हें अधिकतम 10 साल कारावास की सजा भुगतनी पड़ सकती है। वहीं, यूपी में भी पीड़िता के घर के आसपास सुरक्षा-व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। उसके घर पर पांच पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। पुलिस ने बताया कि पीड़िता के परिजनों की लगातार निगरानी की जा रही है। अधिकारी परिवार वालों के संपर्क में हैं। पीड़िता के पिता ने कहा कि उनकी न्यायपालिका में पूरी आस्था है और उन्हें इस बात का यकीन है कि न्याय जरूर मिलेगा। इस महीने की शुरुआत में जोधपुर की विशेष अदालत में न्यायमूर्ति मधुसूदन शर्मा ने अभियोजन और बचाव पक्ष के वकीलों की अंतिम बहस सुनी और आदेश 25 अप्रैल के लिए सुरक्षित कर दिया था।

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