सावधान! भारत में भी फैल रहा दुनिया का जानलेवा फंगस Candida Auris, दवाईयां भी बेअसर, 90 दिन में मौत तय

  • यह ऐसा फंगस है जो ब्लडस्ट्रीम में पहुंचने पर शरीर में इस तरह के खतरनाक इन्फेक्शन पैदा कर सकता है जिससे जान जा सकती है
  • वैज्ञानिकों को सबसे पहले इसकी खोज साल 2009 में जापान के एक मरीज में की थी
  • यूएस में इस तरह के 587 केस रिपोर्ट किए जा चुके हैं, यह वेनेजुएला से लेकर भारत और पाकिस्तान में भी पहुंच चुका है

न्यूयॉर्क: मेडिकल साइंस में हम भले काफी एडवांस होते जा रहे हैं, लेकिन अभी भी कई ऐसी नई-नई बीमारियां सामने आ रही है जो इंसानियत के लिए जानलेवा होती जा रही है. जिसका कोई कारगर इलाज हम अभी तक इजाद नहीं कर पा रहे हैं. एक ऐसी ही लाइलाज बीमारी का पता चला है जो बहुत ही खतरनाक तरीके से अपना पांव पसार रही है. यह बीमारी दरअसल एक फंगस है जो ब्लडस्ट्रीम में पहुंचने पर शरीर में खतरनाक इन्फेक्शन पैदा करता है. खतरनाक बात यह है कि फिलहाल इसका कोई इलाज उपलब्ध नहीं है. इससे भी खतरनाक बात यह है कि इससे पीड़ित व्यक्ति की भले ही मौत हो जाए लेकिन फंगस जिंदा रहता है और दूसरों के शरीर में आसानी से प्रवेश कर उन्हें भी मरीज बना सकता है.

न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक मई महीने में ब्रुकलीन के माउंट सिनाई हॉस्पिटल फॉर ऐब्डॉमिनल सर्जरी में एक बुजुर्ग व्यक्ति को भर्ती किया गया था. ब्लड टेस्ट में सामने आया कि वह एक नए तरह के जीवाणु से संक्रमित है जो अभी तक जितना रहस्यमयी बना हुआ है उतना ही जानलेवा भी है. टेस्ट रिपोर्ट सामने आने के बाद डॉक्टरों ने मरीज को आईसीयू में शिफ्ट कर दिया.

क्या है कैंडिडा ऑरिस, कैसे यह पहुंचा रहा है नुकसान

कैंडिडा ऑरिस नाम का यह फंगस उन लोगों को अपनी चपेट में लेता है जिनका इम्यून सिस्टम कमजोर है. यह पूरी दुनिया में चुपचाप फैलता जा रहा है. पिछले पांच सालों में यह वेनेजुएला के नवजात शिशु संबंधी यूनिट और स्पेन के एक अस्पताल में फैल चुका है. फंगस के कारण एक ब्रिटिश मेडिकल सेंटर को अपनी इन्टेन्सिव केयर यूनिट तक बंद कर देनी पड़ी थी.

भारत समेत कई दक्षिण एशियाई मुल्कों में पांव पसार चुका है यह फंगस

वहीं इस फंगस ने भारत, पाकिस्तान और दक्षिण अफ्रिका में भी पैर जमाना शुरू कर दिए हैं. हाल ही में कैंडिडा ऑरिस न्यू यॉर्क, न्यू जर्सी और इलिनॉय में पहुंचा जिसके बाद रोग नियंत्रण और रोकथाम के संघीय केंद्र ने इसे ऐसे जीवाणुओं की लिस्ट में डाल दिया जिनसे इंसानों को आज के समय में बड़ा खतरा है.

व्यक्ति की मौत के साथ भी नहीं मरता फंगस

माउंट सिनाई हॉस्पिटल में भर्ती कैंडिडा ऑरिस से पीड़ित बुजुर्ग की 90 दिन बाद मौत हो गई. टेस्ट से पता चला कि उन्हें जिस कमरे में रखा गया था वहां की हर चीज पर कैंडिडा ऑरिस मौजूद था. इसके बाद अस्पताल को रूम की सफाई के लिए स्पेशल क्लीनिंग इक्विपमेंट का इस्तेमाल करना पड़ा. उन्हें फंगस को खत्म करने के लिए सीलिंग से लेकर फ्लोर की टाइल्स तक उखाड़नी पड़ी. अस्तपाल के प्रबंधक डॉ स्कॉट लॉरिन ने बताया `दीवारें, बिस्तर, दरवाजे, पर्दे, फोन, सिंक, वाइटबोर्ड, पोल, पंप, चादर, बेड रेल, दीवार का शेड, सीलिंग और उस कमरे में मौजूद हर चीज कैंडिडा ऑरिस की पॉजिटिव पाई गईं.

इस फंगस पर दवाई का भी नहीं होता असर

सी ऑरिस इतना जिद्दी है कि इस पर ऐंटीफंगल मेडिकेशन का भी असर नहीं होता है. इस वजह से यह स्वास्थ्य के लिए खतरा बने उन इन्फेक्शन्स का एक नया उदाहरण बन गया है जो दवा प्रतिरोधी हैं. आसान शब्दों में कहें तो बैक्टीरिया की तरह अब फंगस भी मॉर्डन मेडिसिन के प्रति डिफेंस विकसित कर रहा है.

इन्फेक्शन के बारे में कम जानकारी

यह समस्या भले ही बढ़ती जा रही हो लेकिन इसके बारे में लोगों को कम ही पता है और इसकी बड़ी वजह यह है कि इसे गोपनीय बनाकर रखा जा रहा है. बैक्टीरिया और फंगस के बारे में अस्पताल और स्थानीय सरकार इसलिए बताने से बच रहे हैं क्योंकि उन्हें डर है कि आउटब्रेक के बारे में जानकारी देने पर उन्हें इन्फेक्शन का केंद्र माना जाने लगेगा, यहां तक कि सेंटर्स फॉर डिसीज कंट्रोल भी राज्यों के साथ उनके अनुबंध के कारण प्रभावित अस्पताल या उसकी लोकेशन के बारे में खुलासा नहीं कर सकते हैं. कई बार राज्य सरकारों ने यह तो माना कि उनके पास ऐसे मामले आए लेकिन इसके अलावा उन्होंने और कोई जानकारी साझा नहीं की.

90 दिन में मरीज की मौत

यह फंगस अस्पताल में मौजूद लोगों के हाथों और उपकरणों, बोट के जरिए ले जाए जाने वाले मीट, खाद से उपजाई गई सब्जियों, सीमा के पार यात्रा कर रहे यात्रियों और अन्य चीजों के आयात-निर्यात व प्रभावित मरीज के जरिए घर और अस्पताल में आने-जाने से आसानी से सभी जगह फैल जाता है. रिपोर्ट के मुताबिक कैंडिडा ऑरिस से पीड़ित करीब आधे मरीजों की 90 दिनों में मौत हो गई. बावजूद इसके अभी तक दुनिया में मौजूद विशेषज्ञ इसका पता नहीं लगा सके हैं कि यह फंगस आया कहां से है.

दुनिया में चुपचाप फैल रहा यह फंगस

कैंडिडा ऑरिस दुनियाभर के अस्पताल में चुपचाप फैलता जा रहा है लेकिन सरकारें मरीजों और लोगों को जबरदस्ती डराने की बात कहते हुए इसे लेकर जानकारी प्रचारित करने के लिए तैयार नहीं हैं. यूएस में कैंडिडा ऑरिस के करीब 587 मामले सामने आ चुके हैं.

लक्षण

बुखार, दर्द और कमजोरी के लक्षण यूं तो आम लगते हैं लेकिन अगर किसी व्यक्ति का इम्यून सिस्टम कमजोर है और उसे यह फंगस अपनी चपेट में ले ले तो यह साधारण चीजें भी जानलेवा साबित हो सकती हैं.

 

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