हल्द्वानी नर्सरी में उत्तराखंड की पहली बायो डायवर्सिटी गैलरी का हुआ लोकार्पण

संक्षेप:

  • प्रदेश की पहली बायो डायवर्सिटी गैलरी का हुआ लोकार्पण 
  • 101 प्रजातियों की जैव विविधता को किया गया प्रदर्शित 
  • गैलरी को 15 लाख की राशि से किया गया तैयार

हल्द्वानी। प्रदेश की समृद्ध जैव विविधता की जानकारी देने के लिए वन अनुसंधान ने हल्द्वानी नर्सरी में प्रदेश की पहली बायो डायवर्सिटी गैलरी को तैयार किया है। यहां राज्य की 101 प्रजातियों की जैव विविधता को प्रदर्शित किया गया है। लोग किंग कोबरा का घोंसला भी देख सकेंगे। गैलरी का लोकार्पण रविवार को वरिष्ठ फोटोग्राफर अनूप साह और डीएफओ (रिसर्च) कुंदन कुमार ने संयुक्त रूप से किया।

गैलरी को जापान इंटरनेशनल कारपोरेशन (जायका) मद से प्राप्त 15 लाख की राशि से तैयार किया गया है। मुख्य वन संरक्षक संजीव चतुर्वेदी ने बताया कि गैलरी जैव विविधता से भरपूर है। किंग कोबरा घोंसला बनाकर अंडे देता है। यह घोंसला कैसा होता है, इसे चित्र में नहीं मूल रूप में यहां पर प्रदर्शित किया गया है। चिड़ियों के छोड़े गए घोंसलों को भी प्रदर्शित किया गया है। उन्होंने बताया कि पूरी दुनिया में रेड हनी काफी विख्यात है। इसकी कीमत लाखों में होती है। इसकी मधुमक्खी दस हजार फीट से अधिक ऊंचाई पर छत्ता बनाती है। यहां इसकी जानकारी भी दी गई है। कीड़ा जड़ी, त्रिफला के फल, दशमूल की जड़ें समेत अन्य चीजों को भी प्रदर्शित किया गया है। राज्य में जितनी तरह की मिट्टी मिलती है, उसकी जानकारी देने की भी व्यवस्था की गई है। कार्यक्रम में वन क्षेत्राधिकारी मदन बिष्ट भी मौजूद रहे।

गैलरी में आयेंगे ये नजर

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बाघ, भूरा हिमालयी भालू, स्नो लैपर्ड, हाथी, गुच्ची मशरूम, झूला घास, कीड़ा जड़ी, बुरांश, प्योंली फूल, कॉमन पिकोक बटरफ्लाई, रेडब्रिस्ट बटरफ्लाई, हिमालयन पीका, अमेश, भोजपत्र, बिच्छू घास, काफल, अटलस मथ, मोनाल, हिमालयन क्विल, साल, देवदार, थुनेर, किलमोड़ा, बदरी तुलसी, हिमालयन लिली, शिलाजीत, हिमालयन महाशीर, द जाइंट हनी बी आदि।

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