देश में 10 लाख पद टीचर्स के लिए खाली, इन राज्यों में खाली पद ज़्यादा

  • देश में खाली पड़े शिक्षकों के 10 लाख पद
  • बिहार-यूपी में सबसे ज्यादा खाली पद
  • इन पदों के लिए परीक्षा भी आयोजित की है

आशीष तिवारी

देश में नई शिक्षा नीति आई है. केंद्र सरकार के प्रयासों से उसे जमीनी स्तर पर लागू करने के लिए तैयारियां भी की जा रही हैं। यहां तक कि कई राज्यों में इसे लेकर समितियां भी बनाई गईं हैं। लेकिन देश के सरकारी विद्यालयों में तो पर्याप्त संख्या में शिक्षकों की उपलब्धता ही नहीं है। देशभर में शिक्षकों के 61 लाख 84 हजार 464 पद स्वीकृत हैं। इनमें से 10 लाख 60 हजार 139 से ज्यादा पद खाली पड़े हैं। पूरे देश में शिक्षकों का सबसे ज्यादा टोटा तो बिहार और यूपी में हैं।

इनके बाद झारखंड, मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल का नंबर आता है। चिंतन योग्य बात है कि जब स्कूल में शिक्षा देने वाले पर्याप्त शिक्षक ही नहीं होंगे तो फिर शिक्षा नीति कैसे अमल में आ पाएगी? नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति- 2020 के तहत की गई भारतीय शिक्षा प्रणाली के ढांचे में आमूल-चूल परिवर्तन की कल्पना कैसे साकार हो पाएगी? 

केंद्र सरकार और राज्य सरकारों के एकीकृत आंकड़े पर नजर डालें तो पाते हैं कि पूरे देश के सरकारी विद्यालयों में शिक्षकों के 10 लाख 60 हजार 139 पद खाली पड़े हैं। ये आंकड़ा स्वयं केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने लोकसभा में बताया था। उन्होंने बताया कि पूरे देश में 2020-21 तक शिक्षकों के 61 लाख 84 हजार 464 पद स्वीकृत हैं। इनमें से फिलहाल, करीब 10 लाख 60 हजार 139 पद ख़ाली हैं।

बिहार-उत्तर प्रदेश

आंकड़ों के अनुसार, इनमें बिहार और उत्तर प्रदेश दोनों राज्य शीर्ष पायदान पर हैं। यहां सरकारी विद्यालयों में शिक्षकों की कमी है। संसद में दी गई जानकारी के अनुसार, बिहार के सरकारी विद्यालयों में शिक्षकों के कुल 06 लाख 88 हजार 157 पद स्वीकृत हैं। इनमें से 02 लाख 75 हजार 255 पद खाली हैं। जबकि उत्तर प्रदेश में भी 02 लाख 17 हजार से अधिक पद रिक्त हैं।

अन्य राज्य

 सिर्फ बिहार और उत्तर प्रदेश के ही सरकारी विद्यालयों में शिक्षकों के पद खाली नहीं बल्कि देश के अन्य राज्यों में भी ऐसी ही स्थिति है, लेकिन वहां रिक्त पदों की संख्या इन दोनों राज्यों के अपेक्षा काफी कम है। खाली पदों के आधार पर शीर्ष पांच राज्यों में झारंखड, मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल का भी नाम हैं। झारखंड में 95 हजार 897 पद खाली हैं तो मध्य प्रदेश में 91 हजार 972 पदों पर रिक्तियां हैं। वहीं, पश्चिम बंगाल के सरकारी विद्यालयों में 91 हजार 972 शिक्षकों की कमी है।

छग, राजस्थान और आंध्र

सरकारी विद्यालयों में शिक्षकों के खाली पदों की बात करें तो छत्तीसगढ़, राजस्थान और आंध्र प्रदेश भी पीछे नहीं हैं। यहां भी सरकारी विद्यालयों में शिक्षकों का टोटा है। शिक्षकों के खाली पदों की शीर्षता सूची में छत्तीसगढ़ छठे, राजस्थान सातवें और आंध्र प्रदेश आठवें पायदान पर हैं।

मिजोरम

इन सबके उलट देश का पूर्वोत्तर राज्य मिजोरम एक ऐसा राज्य है जहां सरकारी विद्यालयों में शिक्षकों के स्वीकृत पदों में से एक भी पद रिक्त नहीं है। जबकि केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के सरकारी विद्यालयों में शिक्षकों के स्वीकृत पदों में से 188 पद खाली हैं तो वहीं लक्षदीप में भी 83 पदों पर रिक्तियां हैं। 

ऐसा भी नहीं है कि देश में जिस राज्य के सरकारी विद्यालयों में सबसे ज्यादा पद रिक्त पड़े हों, वहां कि राज्य सरकार कुछ नहीं कर रही है। बिहार के सरकारी विद्यालयों में खाली पड़े 02 लाख 75 हजार 255 पदों को भरने की प्रक्रिया जारी है। राज्य सरकार की ओर से प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में 94 हजार शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया जारी है। इसके अलावा, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में 30 हजार 200 पदों पर और एसटीईटी के माध्यम से 33 हजार 916 पदों पर शिक्षकों की भर्ती की जा रही है। इन पदों के लिए परीक्षा भी आयोजित हो चुकी है।

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