सड़क हादसे में संग्रह अमीन की मौत
मुख्यालय से 25 किलोमीटर दूर गभाना इलाके में चुनावी ड्यूटी कर घर लौट रहे बाइक सवार संग्रह अमीन की सड़क हादसे में मौत हो गई.पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेेज दिया है. ऐसे हुआ हादसा चंडौस के मोहल्ला जाटव निवासी 47 वर्षीय सूरजपाल सिंह गभाना तहसील में संग्रह अमीन के पद पर कार्यरत थे.हादसे की जानकारी पाकर एसडीएम गभाना भावना विमल, तहसीलदार गभाना ऊषा सिंह के अलावा तमाम प्रशासनिक अधिकारी व तहसील स्टाफकर्मी भी अस्पताल पहुँच गए.
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल का वैश्य महासम्मेलन में जोशीला स्वागत, आला भाजपा नेता रहे दूर, जानें क्या है मामला
भाजपा के खिलाफ नारेबाजी उधर, सोनी ज्वैलर्स के घर व प्रतिष्ठानों पर आयकर विभाग के छापे की गूंज दिल्ली तक पहुंच गई.अलीगढ़, जागरण संवाददाता. केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल का अलीगढ़ के मैरिस रोड पर वैश्य महासम्मेलन में स्वागत किया गया.वहीं, आयकर विभाग की कार्रवाई के विरोध में कारोबारियों ने सराफा बाजार बंद कर दिया है.
UP Election 2022: तालीम के लिए क्यों जाना जाता है अलीगढ़ का विधानसभा क्षेत्र कोल, मतदाताओं ने हैं पांच सवाल
जातिगत समीकर शहर विधानसभा क्षेत्र से लगते कोल विधानसभा क्षेत्र में जातिगत समीकरण सभी साधने में लगे हैं.यह अलीगढ़ जिले के कोल विधानसभा क्षेत्र में है, जो कि जेले का आकर्षण है.ऐतिहासिक महत्व विधानसभा क्षेत्र में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी है.
UP Chunav 2022: देश की सीमा पर निगरानी कर रहे सेना के जवानों का ऐसे हो रहा मतदान, जानें विस्तार से
ऐसे पड़ रहा पोस्टल बैलेट पोस्टल बैलेट के प्रभारी अधिकारी व एडीएम प्रशासन डीपी पाल ने बताया कि सर्विस मतदाताओं में सेना के जवान, सेना के अफसर शामिल होते हैं.अब सैनिकों की ओर से मताधिकार के बाद भेजे गए पोस्टल बैलेट की जांच क्यूआर कोड से होगी.प्रशासन की तरफ से इन सभी मतदाताओं को पोस्टल बैलेट भेज दिए गए हैं.
UP Election 2022: पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह की जन्म स्थली है अतरौली सीट, जानें विस्तार से
डबल इंजन की सरकार ने जिस तरह से विकास कार्य कराया है, उतना अन्य कोई सरकार नहीं करा पाई.यादव 70 हज़ार, ब्राह्मण 35 हज़ार, जाट व मुस्लिम 30-30 हज़ार, जाटव 25 हज़ार, ठाकुर 16 हज़ार, बघेल 16 हज़ार हैं.समग्र विकास की है योजना संदीप सिंह, भाजपा 1- विकास कार्य सदैव मेरी प्राथमिकता में रहे.
अलीगढ़ में डकैती डालने वाले बदमाशों की तलाश में जुटी पुलिस, मिले अहम सुराग
संभावन व्यक्त की जा रही है कि पुलिस को अहम सुराग मिले हैं.उत्तर प्रदेश के जनपद अलीगढ़ में सासनीगेट थाना क्षेत्र की पाश कालोनी आरकेपुरम में डकैती करने वाले बदमाशों की तलाश में पुलिस की तीन टीमें लगाई गई हैं.नेहा की ओर से पुलिस को दी तहरीर में कहा है कि वर्ष 2013 में कुलदीप के साथ शादी हुई थी.
UP Election 2022: योगी बोले, सात पीढिय़ां नहीं कर पाएंगी भरपाई, चौराहों पर लगेंगे पोस्टर
UP Chunav 2022 मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 2005 में हुए अलीगढ़ के दंगों का जिक्र करते हुए चेतावनी भी दी.मगर, अब दंगाइयों को पता है कि दंगा करेंगे तो सात पीढिय़ां भी भरपाई नहीं कर पाएंगी.कल्याण सिंह ने स्थापित किया था सुशासन सीएम ने कहा कि अलीगढ़ का सौभाग्य है कि उप्र के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण ङ्क्षसह की यह कर्मभूमि रही है.
UP Election 2022: मतदाता बोले, जो काम करेगा, हमारी बात सुनेगा, वोट उसी को देंगेे
सुरेंद्र बोले, हमने तो मन में ये सोच रखा है कि जो सुरक्षित माहौल देगा और हमारी बात सुनेगा, हम उसी को वोट देंगे.उनके पास बैठे मोहन नगर निवासी विजय कुमार व बौनेर निवासी कुलदीप ने भी सुरक्षित माहौल वाली सरकार की ही पैरवी की.हम भी उसी को वोट देंगे, जो काम की बात करेगा और लोगों से जुड़कर रहेगा.
Lata Mangeshkar Death: लता मंगेशकर की आवाज में झूमे उठे थे नीरज के गीत
प्रेम पुजारी दूंगी तुझे रेशमी रुमाल, तेरे मेरे सपने फिल्म का गीत ली मैंने कसम ली, जीवन की बगिया महकेगी महाकवि नीरज के सुपरहिट गीतों को लता ने आवाज दी.प्रभात ने बताया कि रंगीला रे तेरे रंग में यूं रंगा है मेरा मन जब यह गीत लता जी की आवाज में आया तो मानो पूरे देश में लता की आवाज गूंज उठी.फिल्म प्रेम पुजारी का गीत रंगीला रे तेरे रंग में यूं रंगा है मेरा मन, छलिया रे ना बुझे है किसी जल से ये जलन गीत को लता मांगेश्कर ने गाया था नीरज के गीतों पर झूम उठता था तन मन लता मंगेशकर का अलीगढ़ से भी गीतों के माध्यम से जुड़ा हो रहा महाकवि गोपाल दास नीरज ने कई गीत लिखे जिसको लता मंगेशकर ने अपनी आवाज दी और वह गीत अमर हो गए.
मायावती को छलका जिलों के नाम बदलने का दर्द, ऐसे समझाया भविष्य का रोड मैप
अलीगढ़, सुरजीत पुंढीर. हाथरस सहित कई जिलों का नाम बदलने का दर्द रविवार को बसपा सुप्रीमो मायावती के भाषण में छलका.इसके बाद 2007 में फिर बसपा सरकार आई तो महामाया नगर नाम किया गया.ऐसे बदले जिलों के नाम हाथरस को 1997 में जिले का दर्जा मायावती ने ही दिया था.