नैनीताल: उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव होने में बस कुछ दिन ही रह गए है। ऐसे में प्रदेश के मुख्यमंत्री हरीश रावत भी लगातार चुनावी सभा के जरिये जनता को कांग्रेस की तरफ मोड़ने में जुटे है। इस दौरान अपनी बातों से भले ही रावत वोटरों को रिझाने में लगे हो लेकिन आज जिस स्थान पर सभा की गयी वो जनता माध्यमिक विद्यालय चित्रकूट बिन्दुखत्ता था और जनसभा के चलते आज स्कूल में छुट्टी करा दी गयी थी । इस तरह से बच्चों की पढ़ाई का एक दिन चुनावी राजनीति की भेंट चढ़ गया।
नैनीताल: लालकुआं विधानसभा क्षेत्र में विकास की गंगा बहाने की बात करने वाले सूबे के श्रम मंत्री और लालकुआं से कांग्रेस के प्रत्याशी हरीश चन्द्र दुर्गापाल के ख़िलाफ़ ग्रामीण लामबंद हो गए है। ग्रमीणों का आरोप है कि दुर्गापाल ने विकास के कोई काम नहीं किए। साथ लोगों ने दुर्गापाल को वोट नहीं डालने की अपील भी कर रहे है । लालकुआं विधानसभा में सुखी नदी पार के विजयपुर ग्राम सभा के 4 गांवों के ग्रामीणों ने ग्राम प्रधान प्रकाश राम टम्टा के नेतृत्व में लालकुआं से विधायक और प्रत्याशी हरीश चन्द्र दुर्गापाल के ख़िलाफ़ जमकर प्रदर्शन किया और नारेबाजी की।
नैनीताल: हल्द्वानी विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी शोएब अहमद ने कांग्रेस प्रत्याशी पर उनके कार्यकर्ताओं को धमकाने का आरोप लगाया है। शोएब ने कहा कि कांग्रेस के इशारों पर पुलिस सपा कार्यकर्ताओं को परेशान कर रही है। उन्होंने कहा कि पुलिस सपा कार्यकर्ताओं पर गुंडा एक्ट लगाने की तैयारी कर रही है।
नैनीतल: उत्तर प्रदेश के समय वर्ष 1990-91 के समय जनपद नैनीताल के जिलाधिकारी रहे सूर्य प्रताप सिंह ने केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली के समक्ष भाजपा की सदस्यता ग्रहण की । सोमवार को भाजपा कार्यालय में एसपी सिंह पत्रकारों से मुख़ातिब थे । इस दौरान उन्होंने कहा कि जब वह 90 के दशक में नैनीताल के जिलाधिकारी थे उस समय उन्होंने हल्द्वानी को अतिक्रमण मुक्त करने की मुहिम छेड़ी थी। हालांकि उनकी यह मुहिम ज्यादा दिनों तक तो नहीं चली।हां इस दौरान उनका तबादला जरूर हो गया था।
नैनीताल: लालकुआं विधानसभा क्षेत्र में एक जनसभा को संबोधित करने पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी ने मुख्यमंत्री हरीश रावत पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने ने कहा कि सीएम रावत बाहुबली सहित कोई भी अवतार ले ले लेकिन इस बार वह नहीं जीत पाएंगे।
नैनीताल: प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव में कई प्रत्याशी पहली बार चुनावी मैदान में है तो वहीं कुछ प्रत्याशी पहले से ही सीट पर काब़िज विधायक के तौर पर मैदान में है। जो पहले से ही विधायक है उन्होंने चुनाव के समय जनता से कुछ वादे किए रहे होंगे जिसका आंकलन करना जरूरी है कि वे अपने वायदे पर कितने खड़े उतरें। आज हम बात करेंगे कांग्रेस की दिग्गज नेता इंदिरा हृदयेश की, जो नैनीताल जिले की हल्द्वानी विधानसभा क्षेत्र से मौजूदा विधायक है और प्रत्याशी भी।
नैनीताल: विधानसभा चुनाव में कुछ दिन ही रह गए है लेकिन नेताओं का एक से दूसरी पार्टी में आना जाना लगा हुआ है। अब सपा के महानगर अध्यक्ष लईक अंसारी पार्टी को झटका देते हुए कांग्रेस में शामिल हो गए है। लईक अंसारी ने अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ कांग्रेस का हाथ थामा। कांग्रेस प्रत्याशी इंदिरा हृदयेश और युवा कांग्रेस नेता सुमित हृदयेश ने उन्हें कांग्रेस की सदस्यती दिलाई।
नैनीताल: उत्तराखंड में बीजेपी को एक और मजबूती मिली है। 90 के दशक में नैनीताल जिले के दबंग डीएम के रूप में अपनी पहचान रखने वाले रहे एसपी सिंह बीजेपी में शामिल हो गये है। अरुण जेटली की मौजूदगी में एसपी सिंह ने बीजेपी की सदस्यता ली।
पार्टी प्रत्याशी इंदिरा हृदयेश के समर्थन में कार्यकर्ताओं ने शहर में रोड शो किया। इस दौरान लोगों से विकास के मुद्दे पर कांग्रेस के पक्ष में मतदान करने की अपील की गई। रोड शो के लिए पार्टी के हजारों कार्यकर्ता स्वराज आश्रम में जमा हुए। यहां से रैली के शक्त में वह शहर के प्रमुख बाजारों के साथ ही विभिन्न क्षेत्रों में गए। रोड शो के दौरान इंदिरा हृदयेश ने कहा कि कांग्रेस विकास के मुद्दे पर चुनाव मैदान में है।
नैनीताल: राजनीति में ऊंट कब किस करवट बैठ जाये यह कोई नहीं जानता और वह भी तब जब नेता बनने की चाहत पाल बैठे पार्टी के वरिष्ठ नेता कतार से बाहर हो गये हो। महत्वाकांक्षा की पूर्ति में बेशक कुछ लोग बाग़ी हो जाते है लेकिन कुछ ऐसे भी होते है जो अंदर रहकर ही प्रत्याशियों की हार की वजह बनते है। जिसका ज्वलंत उदहरण शुक्रवार को केन्द्रीय विदेश राज्य मंत्री वीके सिंह के आगमन में देखने को मिला। आज से पूर्व जब भी कोई केंद्रीय मंत्री अथवा केन्द्रीय संगठन का प्रतिनिधि का शहर में आगमन होता था तो बूथ स्तर से लेकर प्रदेश स्तर के नेता उनके सम्मान में कतारबद्ध दिखते थे, लेकिन आज महज चंद लोगों के अलावा कोई भी वरिष्ठ एवं जनता में मजबूत पकड़ रखने वाला चेहरा केन्द्रीय नेता के सम्मान में उपस्थित नहीं था।