ज्ञानवापी मस्जिद मामला: फास्ट ट्रैक कोर्ट ने दी एएसआई जांच को मंजूरी, ओवैसी बोले एएसआई करेगी धोखाधड़ी
- ज्ञानवापी मस्जिद मामला ने पकड़ा तुल
- ओवैसी ने की उठाया फास्ट ट्रैक कोर्ट के फैसले पर सवाल
- बाबरी मस्जिद के पक्षकार इकबाल अंसारी ने फैसले का किया स्वागत
वाराणसी- वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर और उसी परिक्षेत्र में स्थित ज्ञानवापी मस्जिद मामले में सिविल जज सीनियर डिविजन फास्ट ट्रैक कोर्ट ने पुरातात्विक सर्वे कराए जाने के फैसले को लेकर राजनीति गर्म हो गई है। अयोध्या के श्रीराम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास जी महाराज ने फास्ट ट्रैक कोर्ट के इस फैसले को लेकर खुशी जताई है। वही AIMIM के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने फैसले के बाद एक के बाद एक कई ट्वीट कर फैसले पर सवालों के घेरे लगा दिए।
ओवैसी ने ट्वीर करके कहा ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड(AIMPLB) और मस्जिद कमेटी को इस इस आदेश के खिलाफ तुरंत अपील करनी चाहिए और इस आदेश पर सुधार करवाना चाहिए। एएसआई से केवल धोखाधड़ी की संभावना है और इतिहास फिर से दोहराया जाएगा। जैसा बाबरी के मामले में किया गया था। किसी भी व्यक्ति को मस्जिद की प्रकृति बदलने का कोई अधिकार नही है।
वहीं ओवैसी से ठीक उलट बाबरी मस्जिद के पक्षकार मोहम्मद इकबाल अंसारी ने कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा है कि कोर्ट के इस फैसले से सच्चाई सामने आएगी। यह मुकदमा बड़े लंबे समय से चल रहा है। हम यहीं चाहते है कि यह मसला जल्द हल हो और मुस्लमान और हिंदू का आपसी भाईचारा बना रहे। उम्मीद है कि वाराणसी के फास्ट ट्रैक कोर्ट के आदेश के अनुसार 5 लोगों की टीम बनेगी, वह बेहतर तरीके से अपना काम करेगी और जो सच्चाई है वह सामने लाएगी।
The legality of this order is doubtful. In Babri judgement SC said A finding of title cannot be based in law on the archaeological findings which have been arrived at by ASI..." ASI has acted as a midwife to all kinds of Hindutva lies, no one expects objectivity from it 1/n https://t.co/oEv7RxsD7r
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) April 8, 2021
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