Lok Sabha Election 2019: जानें प्रियंका गांधी के गंगा यात्रा के क्या हैं सियासी मायने? (Analysis)

संक्षेप:

  • प्रियंका (Priyanka Gandhi) इस `सियासी यात्रा` के जरिए पूर्वी यूपी में कई समीकरणों को एकसाथ साधने की कोशिश कर रही हैं
  • हिंदू विरोधी छवि को तोड़ने का प्रयास
  • दलित और ईबीसी वोट में सेंध लगाने की कवायद

वाराणसी: पूर्वी उत्‍तर प्रदेश के सियासी चक्रव्‍यूह को तोड़ने के लिए कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi)ने सोमवार को यहां हनुमान जी के दर्शन कर अपनी `गंगा यात्रा` शुरू कर दी. संगम तट पहुंचकर उन्‍होंने मां गंगा की पूजा की. वह मनैया घाट से स्‍टीमर के जरिए वाराणसी (Varanasi)के लिए रवाना हो गईं. लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2019) से ठीक पहले प्रियंका (Priyanka Gandhi) इस `सियासी यात्रा` के जरिए पूर्वी यूपी में कई समीकरणों को एकसाथ साधने की कोशिश कर रही हैं.

संगम तट पर स्थित लेटे हुए हनुमान जी के दर्शन करने के बाद संवाददाताओं से बातचीत में प्रियंका गांधी ने कहा कि उन्‍होंने देश के उत्‍थान और शांति के लिए प्रार्थना की. उन्‍होंने यह भी कहा कि मैं भगवान से कुछ नहीं मांगती. इसके बाद प्रियंका गांधी(Priyanka Gandhi) ने संगम तट पर मां गंगा की विधिपूर्वक पूजा की. इसके बाद वह बोट पर पहुंची और छात्रों के एक दल के साथ संवाद किया.

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आइए जानते हैं कि प्रियंका की इस चु`नाव` यात्रा के क्‍या हैं सियासी मायने

हिंदू विरोधी छवि को तोड़ने का प्रयास

प्रियंका ने हनुमान जी के दर्शन के साथ गंगा यात्रा की शुरुआत कर अपनी हिंदू विरोधी छवि को तोड़ने की कोशिश की. बीजेपी और अन्‍य दक्षिणपंथी संगठन अक्‍सर उन्‍हें ईसाई बताकर उन निशाना साधते रहते हैं. प्रियंका ने हनुमान जी की पूजा करके बीजेपी की इस धारणा को तोड़ा. यही नहीं पूरी यात्रा के दौरान वह कई मंदिरों में जाएंगी. प्रियंका गांधी रास्‍ते में मां विध्‍यवासिनी, शीतला माता, सीता जी और भगवान शिव के मंदिर भी जाएंगी.

ईबीसी को साध बीजेपी के वोटों में लगाएंगी सेंध

लोकसभा चुनाव से पहले हो रही है इस गंगा यात्रा के जरिए प्रियंका पूर्वी यूपी की अत्‍यंत पिछड़ी जातियों (EBC) को साधने की कोशिश करेंगी. उनकी नजर मछुआरों और निषादों पर है जो पिछले चुनावों में बीजेपी को वोट करते रहे हैं. पूरे सूबे में इन जातियों की आबादी करीब 12 फीसदी है। दरअसल, गोरखपुर उपचुनाव के परिणामों के बाद निषाद सूबे में एक बड़ी ताकत बनकर उभरे हैं. निषादों को अपने पाले में बनाए रखने के लिए बीजेपी भी जीतोड़ मेहनत कर रही है. योगी सरकार निषादराज की प्रतिमा बनवा रही है. अब निषादों को अपने साथ लाने के लिए प्रियंका उनके पास जा रही हैं. इसीलिए उन्‍होंने संगम के पास छतनाग की बजाय मनैया से स्पेशल स्टीमर की सवारी कर यात्रा करेंगी. मनैया निषादों द्वारा बसाया गया गांव है, जो संगम से 10 किमी दूर है. उत्‍तर प्रदेश में कांग्रेस पार्टी के अध्‍यक्ष राज बब्‍बर कहते हैं कि यह गंगा मैया के आशीर्वाद से तट पर बसे उन लोगों तक पहुंचने का प्रयास है जिन्‍हें सत्ताधारियों की सियासत कम प्राथमिकता देती है. उन्‍होंने कहा, `प्रियंका गांधी आज से केवट, मछुआरों और दूसरे आमजन के बीच 3 दिन तक संगम से काशी की गंगा यात्रा पर हैं. एकतरफा मन की बात नहीं जनमानस से असली संवाद.

मायावती को दिया सियासी संदेश

प्रियंका ने अपने स्‍टीमर पर दलित नेता सावित्री बाई फुले को भी जगह दी है. उन्‍होंने इसके जरिए दलितों को साधने और मायावती को संदेश देने की कोशिश की है. भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर से मुलाकात के बाद अब सावित्री बाई को साथ लाना दलितों को एक बड़ा संदेश माना जा रहा है. दरअसल, यूपी में जब कांग्रेस उफान पर थी तब दलित, ब्राह्मण और मुस्लिम कांग्रेस के कोर वोट बैंक थे. समय के साथ दलित मायावती के साथ चले गए. अब प्रियंका दलितों को अपने साथ फिर से लाना चाहती हैं.

शहीद के परिवार से मिलकर बीजेपी को देंगी मात

पुलवामा आतंकी हमले का बदला लेने के लिए पाकिस्‍तान में की गई एयर स्‍ट्राइक को बीजेपी ने जोरशोर से मोदी सरकार की उपलब्धि बताया था. बीजेपी की इस रणनीति को मात देने के लिए प्रियंका गांधी शहीदों के घर जाकर करेंगी. प्रियंका मनैया से यात्रा शुरू करके दमदमा की ओर जाएंगी. वह यहां घाट पर गांव के लोगों से मुलाकात करेंगी. 12 बजे के करीब वह सिरसा गांव के तट पर पहुंचकर गांव का दौरा करेंगी. यहां वह पुलवामा हमले में शहीद महेश कुमार के परिवार से भी मुलाकात करेंगी. संगम तट पर उन्‍होंने हनुमान जी के दर्शन करके देश में शांति और उत्‍थान के लिए प्रार्थना की.

गंगा की बदहाली पर पीएम मोदी को घेरेंगी

पौराणिक कथाओं के अनुसार, दुर्योधन ने कुंती और उनके पुत्रों को मारने की कोशिश की थी. प्रियंका गांधी मांडा की ओर जाएंगी और वहां पहुंचकर स्थानीय लोगों से बातचीत के साथ पार्टी कार्यकर्ताओं से मुलाकात करेंगी. इसके बाद वह सीतामढ़ी जाएंगी, यह जगह सीता से जुड़ी बताई जाती है। प्रियंका इसी जगह पर रात में विश्राम करेंगी।. बता दें कि 3 दिन के दौरे पर प्रियंका प्रयागराज से मिर्जापुर, जौनपुर होते हुए वाराणसी जाएंगी। 20 मार्च को प्रियंका वाराणसी में होंगी. इस दौरान वह गंगा की बदहाली पर पीएम मोदी को घेरेंगी. बता दें कि पीएम मोदी ने भी वर्ष 2014 के चुनाव में वाराणसी में कहा था कि उन्‍हें मां गंगा ने बुलाया है.

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