सरकारी बंगले का विवाद: योगी के मंत्री ने किया अखिलेश यादव का बचाव

संक्षेप:

  • सरकारी बंगले में तोड़फोड़ का मामला
  • योगी सरकार ने जारी किया अखिलेश यादव को नोटिस
  • योगी के मंत्री ने किया बचाव

वाराणसी: सरकारी बंगले में तोड़फोड़ का मामला बढ़ता ही जा रही है। योगी सरकार की तरफ से हुई जांच के बाद 10 लाख रुपये का रिकवरी नोटिस दिए जाने के मामले में अखिलेश यादव का पक्ष लेते हुए मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि प्लास्टिक की टोटी 25 से 50 रुपये की होती है। स्टील की ढाई सौ से 500 की और विदेश की है तो 5000 की, लेकिन बंगला छोड़ने के इतने दिन बाद जांच होना गलत है।

ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि मै कमरा नंबर एक में रुका हूं। अगर एक महीने बाद कोई यह कहे कि ओमप्रकाश राजभर यहां से तौलिया चुरा ले गए तो कोई मानेगा। इसलिए जब कोई कमरा खाली करें या बंगला खाली करें तो उसकी सुपुर्दगी की जाती है। उसके बाद कर्मचारी और अधिकारी चेक करते हैं कि किसी मंत्री का या किसी रहने वाले का कोई सामान तो नहीं छूट गया या कुछ झटके में चला तो नहीं गया। यह उनकी जिम्मेदारी है, जो लोग वहां पर रखरखाव में लगे थे।

कानून-व्यवस्था के सवाल पर ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि मैं बार-बार कहता हूं कि प्रदेश की आबादी 22 करोड़ की है। अन्य प्रदेशों की तुलना में यहां अपराध कम है, लेकिन देखने में ज्यादा है। आबादी के हिसाब से और कोई सरकार यह नहीं चाहती कि कानून-व्यवस्था खराब हो, लेकिन आज अपराधियों में भय है। कई अपराधी थाने में सरेंडर कर चुके हैं। कुछ लोग तो पहले ही प्रदेश छोड़कर भाग गए हैं।

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अमर सिंह के बीजेपी में आने और आजमगढ़ से चुनाव लड़ाए जाने वाले अपने बयान पर ओमप्रकाश राजभर ने सफाई देते हुए कहा कि मैने यह नहीं कहा कि उनको आजमगढ़ से चुनाव लड़ाया जाएगा। हमने यह कहा कि सीट बंटी नहीं है। हमारे खाते में सीट आई नहीं है, तो हम उनको वहां से चुनाव कैसे लड़ाएंगे और इस संदर्भ में मेरी उनसे कोई बात नहीं हुई है। अगर सीट मिलती है और वह चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर करते हैं, तो पार्टी उस पर विचार करेगी।

ओमप्रकाश राजभर ने अमर सिंह की तारीफ करते हुए कहा कि अमर सिंह की एक बड़ी हैसियत हैं। उनको देश ही नहीं पूरी दुनिया में लोग जानते हैं। वह जहां रहेंगे एक ताकत के साथ रहते हैं, लेकिन समाजवादी पार्टी को जब तक लाभ हुआ तब तक उनका इस्तेमाल किया गया, लेकिन जब उनको समझ में आया कि अब इनसे नुकसान है और उनका काम बन गया, तो अमर सिंह को निकाल दिया गया।

ओमप्रकाश राजभर ने बीजेपी के अन्य सहयोगी दलों के साथ रैलियां करने, लेकिन भासपा के साथ रैली न किए जाने के सवाल पर कहा कि हम अपने कार्यक्रम में बीजेपी और अपना दल के लोगों को खुद नहीं बुलाते हैं, क्योंकि अगर हम उन्हें बुलाएंगे तो लोग कहेंगे यह भीड़ बीजेपी की थी न कि भासपा की। उन्होंने कहा कि अगर सभी दलों का एक साथ कहीं कार्यक्रम होगा, तो हम उसमें जरूर शामिल होंगे।

ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि गाजीपुर जिले में दो मंत्री और एक प्रदेश अध्यक्ष हैं, जो वहां लगातार विकास को लेकर काम कर रहे हैं। मेरे क्षेत्र का व्यक्तिगत सवाल है तो वह बॉर्डर पर है और यह सच्चाई है कि जो भी क्षेत्र बॉर्डर पर होता है उसका विकास नहीं हो पाता। जिला मुख्यालय से चलने वाली विकास की रकम वहां तक नहीं पहुंच पाती है। योजनाएं रास्ते में ही दम तोड़ देती हैं।

बारिश के मौसम में लगातार कई जिलों में मकान गिरने की घटनाओं पर ओमप्रकाश राजभर ने अपनी ही सरकार के मौजूदा अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि कुछ अधिकारी ऐसे हैं, जिनको पिछली सरकारों में लूट की छूट दी गई थी। कुछ ऐसे अधिकारी आज भी हैं, जो पकड़े जा रहे हैं और सस्पेंड हो रहे हैं। उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। कुछ ऐसे अधिकारी हैं, जो गलत निर्णय ले रहे हैं, जिसका खामियाजा भी जनता को भुगतना पड़ रहा है।

ईवीएम को लेकर ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि जब विपक्ष जीतता है तब ईवीएम गलत नहीं होती और जब हारता है तो ईवीएम गलत होती है। ये लोग सिर्फ राजनीति करते हैं। उन्होने योगी सरकार की तरफ से पिछड़ी जाति के छात्रों को छात्रवृत्ति दिए जाने पर सीएम योगी को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि 84 करोड़ रुपये योगी सरकार ने छात्रों के लिए अलॉट किए हैं। वर्ष 2018-19 में इन छात्रों को छात्रवृत्ति मिलेगी और पिछड़ी जाति, अनुसूचित जाति और अल्पसंख्यकों में 50% अंक पाने वालों को शुल्क प्रतिपूर्ति दी जाएगी। इसके लिए मै सीएम योगी को धन्यवाद देता हूं।

ओमप्रकाश राजभर ने एससी-एसटी एक्ट में संशोधन को लेकर सरकार का नहीं बल्कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि हम न एससी-एसटी एक्ट के संशोधन विरोध में हैं न साथ में, लेकिन जो कोर्ट ने कहा वह सही है।

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